जीवन बहती हवाओं का संगम है। हमारे विचार और भावनाएं भी इन हवाओं के संग बहते रहते हैं। इस ब्लॉग में मैंने कुछ ऐसे ही उद्गारो को अपनी लेखनी से उतारने की कोशिश की है। आपकी समालोचनाओं का स्वागत है। आशा है आप मुझे बेहतर लिखने के लिए प्रेरणा देते रहेंगे। ब्लॉग पर आपका स्वागत हैI
Wednesday, November 20, 2013
पिघलते प्रश्नो पर (क्षणिका)
तेरी आँखों से
पिघलते प्रश्नों पर
जवाब लिखा था कभी
खामियाज़ा भुगत रहा हूँ
आज तक!!!
वाह क्या बात है ...
ReplyDeleteवाह! बढ़िया है..
ReplyDeleteKoi lab chhu gaya tha ki gaa raha hu ab tak...............
ReplyDeletehaha.. Good one !!
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