Friday, February 11, 2011

पहली नज़र में


पहली नज़र में
तेरे ही लब
मुझ पर मुस्कुराये थे
बदले में गर मैंने,
तेरे लबों का
साथ दे दिया
और अब जब
रोज़ तेरे होठों से
शबनम पीने की
आदत सी हो गई है
तो लोग मुझे
शराबी क्यूँ कहने लगे हैं...!!!

Tuesday, February 8, 2011

कुछ खट्टी- कुछ मीठी


1. ईमानदारी

कल एक अधिकारी का साक्षात्कार देखा था
दिखने में बड़ा सज्जन, सुशील लगता था
बड़ी सी कुर्सी के सामने केलेंडर टंगा था
'ईमानदारी ही श्रेष्ठ नीति है' लिखा था
अगले दिन अखबार में पढ़ा गया,
अधिकारी घूंस लेते रंगे हाथों पकड़ा गया..!

2. डब्ल्यू डब्ल्यू ऍफ़


बेटा: मम्मी wwf देखना है, चैनल लग नहीं रहा है.....
मम्मी: "कोई बात नहीं बेटे
दूरदर्शन लगा ले
ग्यारह बजे से पार्लिआमेंट सेशन है
वो क्या किसी wwf (white wearing fighters ) से कम है"!!!


3. वेजिटेरियन

एक्स : तुम क्या हो?
वाई: वेजिटेरियन..और तुम?
एक्स: वेजिटेरियन...चलो तुम ऑर्डर करो....
वाई (वेटर से): भैया दो प्लेट वेज ऑमलेट देना......


4. जन्म दिवस

पहले साल जन्म+दिवस आता है
फिर हर साल जन्मदिवस आता है
सभी शुभचिंतकों को दावत पर बुलाया जाता है
उम्र बराबर बत्तियों को जला लिया जाता है
फिर खुद ही उसे बुझा दिया जाता है
ज़िन्दगी का एक साल कम हो जाता है
फिर भी जश्न मना लिया जाता है..!!!

Friday, February 4, 2011

नाचती बोतल, ऐ साकी, नशा, महखाना

१. नाचती बोतल

कल एक
शराब की बोतल को
नाचते हुए देखा था
नहीं पता
उसने पी थी कि नहीं
मगर उस पर चढ़ी दीवानगी
जता रही थी कि
जरुर पिया होगा उसने
कोई गम का घूँट....!!!


२. ऐ साकी

ऐ साकी,
तू सभी को
पिला पिलाकर शराब
अब बूढी हो चली है
गर तुझे फिर जवान होना है
तो आ
बैठ मेरे साथ
लबों से लब मिलाकर
दर्द पी.....!!!


३. नशा

तेरे आर्द्र होंठ
होठों पर मुस्कराहट की शबनम
शबनम पर चढ़ी शराब
इस नशे में भला
कौन नहीं डूबना चाहेगा...!!!

४. महखाना

कल महखाने में
भीड़ बहुत थी
वो भी आये थे
जिन्हें नहीं पीने का शौक
नशा खुद बेहोश था
पूरा मदिरालय मदहोश था
पर मैं पी रहा था
साकी के हाथों से छीनकर
अश्क,
शराब की जगह...!!!