Tuesday, July 26, 2011

हैरत न कर...

हैरत न कर
जो तुझे देखकर
रुख से पर्दा उठे!
हैरत तो तब है,
जो पर्दा उठे 
गैरत के लिए 
और तू समझे 
तेरे लिए...!!! 

9 comments:

  1. waah kya baat kahi hai........aur tu samjhe tere lie........bahut gehrai hai aapke is rachna me............lajabab.........

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  2. बहुत खूब ...अच्छी प्रस्तुति

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  3. क्या बात है ... पर्दा उठे गैरत के लिए ...

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  4. .....पर्दा उठे गैरत के लिए
    सुन्दर अभिव्यक्ति

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  5. क्या बात है....
    लाजवाब.

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  6. bahut achcha likha hai.aapke comment ke madhyam se first time blog par aai hoon.thanx for your comment and suggestion I will think about it.

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