मैं दिल में जगह बनाता रहा
तेरे जख्म खाने के लिएतू नादाँ सितम ढाती रही
दिल बहलाने के लिए...मेहंदी से घरोंदे बनाए थे मैंने
तेरे हाथों को सजाने के लिए
तू बेदर्द शूल चुभोती रही
दिल बहलाने के लिए...
फूलों की जगह पलकें बिछाई थी मैंने
तेरे कदमो की मुझ तक राहों के लिए
तू कुचलती चली गयी
दिल बहलाने के लिए...
स्याही की जगह अश्कों से ख़त लिखता रहा
मेरे अहसास तुझे जताने के लिए
तू कलम से जवाब चुभोती रही
दिल बहलाने के लिए...
मैं दिल पर पत्थर चुनता रहा
तेरे सपनो का महल बनाने के लिए
तू ढहाती चली गयी
दिल बहलाने के लिए...
दिल बहलाने के लिए...
ReplyDeleteदिल बहलाने के लिए...
कुछ नहीं बदला जमाने मे दशक से --
जुल्मोसितम है आज भी |
दिल बहलाने की बड़ी आदत पुरानी--
है इन्हें इसका गुरुर, खुद पर नाज भी ||
खूबसूरती से लिखे भाव
ReplyDeleteकिसी की जान जाती है
ReplyDeleteकोई आनन्द लेता है!!
--
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ehsaso ko samajhna asan nahin hota......bahut sundar abivyakti
ReplyDeletedard se bhari...shabdo se sazi abhivyakti
ReplyDeletebahut khub
बहुत बढ़िया रचना!
ReplyDeleteसभी छन्द बहुत खूबसूरत हैं!
wonder full.....dil koo pasand aa gayi
ReplyDeleteबहुत कुछ कह डाला,दर्द को भी बिना जतन ख़ूबसूरती से लिख डाला
ReplyDeleteएक गाना याद आ रहा है-----
दिल तो दिल का ऐतबार क्या कीजे,आ गया जो किसी पे यार क्या कीजे...........
good
ReplyDeleteरूमानियत से लबरेज़ सुन्दर रचना.
ReplyDeletewah achhi kavita hai bhai.......badhaiii
ReplyDelete"वो आए एक खुशनुमा झोंके की तरह ,
ReplyDeleteगए तो आँधियों की तरह,उजाड़कर मुझे"
इसी विषय से मिलते-जुलते आज ही यह शेर गढ़ा है !
आपकी भावनाएँ संवेदनशील हैं !
उम्र के कोमल एहसासों को खूबसूरती से ग़ज़ल में पिरोया है.कृपया श्याही को स्याही सुधार लें.आशा है बुरा नहीं मानेंगे.
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत रचना.
ReplyDeleteमैं दिल पर पत्थर चुनता रहा
ReplyDeleteतेरे सपनो का महल बनाने के लिए
तू ढहाती चली गयी
दिल बहलाने के लिए..
संवेदनशील खूबसूरत रचना....
बहुत बढ़िया रचना!
ReplyDeleteउत्तम अभिव्यक्ति
ReplyDeleteArun Nigam ji ko maargdarshan ke liye aabhar...
ReplyDeletetruti sudhaar dee gai hai....
good one
ReplyDeleteThanks for visiting my blog
भावुक दिलों के अहसास .....
ReplyDeleteशुभकामनायें !
well said bhai jaan......and ya m saying this not to only "aapka dil bahlaane k liye.." its really awesome work.......hattzz offfff.....
ReplyDeleteकोमल एहसास की ग़ज़ल .चलो दिल बहलाव का सामान ही ,सही
ReplyDeleteकिसी के काम आये .
मैं दिल पर पत्थर चुनता रहा
ReplyDeleteतेरे सपनो का महल बनाने के लिए
तू ढहाती चली गयी
दिल बहलाने के लिए..
खूबसूरत रचना.!
मैं दिल में जगह बनाता रहा
ReplyDeleteतेरे जख्म खाने के लिए
तू नादाँ सितम ढाती रही
दिल बहलाने के लिए...
वाकई बहुत अच्छी रचना...पहली बार आया, सार्थक रहा। अब ज़ुरूर आऊँगा, धन्यवाद और बधाई
खूबसूरत रचना.!
ReplyDeleteमैं दिल पर पत्थर चुनता रहा
ReplyDeleteतेरे सपनो का महल बनाने के लिए
तू ढहाती चली गयी
दिल बहलाने के लिए...
bahut hi sunder bhav
rachana
bahut khubsurat post....
ReplyDeleteकोमल भावनाओं से भरी सुन्दर रचना....
ReplyDeleteस्याही की जगह अश्कों से ख़त लिखता रहा ,मेरे अहसास तुझे जताने के लिए
ReplyDelete...beautiful
unka yoo dil bahlana to aapka dil dahlana ho gaya jee.
ReplyDeleteBedardee ke ehsaas me bheegee bhavuk rachana .
मैं दिल पर पत्थर चुनता रहा
ReplyDeleteतेरे सपनो का महल बनाने के लिए
तू ढहाती चली गयी
दिल बहलाने के लिए
वाह, बहुत सुंदर।
कविता में मन की व्यथा संपूर्ण रूप से अभिव्यक्त हुई है।
awesome writing... once again.
ReplyDeletevery intense and emotional and loved the contradictions at every next line.
दिल बहलाने के लिए ...................क्या-क्या सितम नहीं ढाया
ReplyDeleteदिल पर लगी चोट की .......भावपूर्ण , सुन्दर और मार्मिक प्रस्तुति
PATHHRO SE DIL LAGAOGE TO PAOGE KYA ?
ReplyDeleteहाँ बेवफाओं का पसंदीदा टाइम-पास है अपना दिल तो.. आओ.. मस्ती करो.. और जाओ..
ReplyDeleteपरवरिश पर आपके विचारों का इंतज़ार है..
आभार
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteदिल की चाहत क्या क्या न दिखा देती है.
चाहत इस दिल की,
पूरी न हो तो गल्ती उनकी.
कबीर ने संसार से उकता कर लिख ही दिया
'रहना नहीं देश बिराना है'
आपका मेरे ब्लॉग पर दर्शन देने के लिए
बहुत बहुत आभार.
मेहंदी से घरोंदे बनाए थे मैंने
ReplyDeleteतेरे हाथों को सजाने के लिए
तू बेदर्द शूल चुभोती रही
दिल बहलाने के लिए...
kya bat hai mere bhai..... dil tar tar ho gaya..
bahut hi umda...
dhanywad....
जन्मदिन पर बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका आना बहुत सुखद लागत है.
ReplyDeleteमेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है.