फेसबुक न होता तो क्या होता
मेरी सारी बकवास कौन सुनता
मन की भड़ास कौन झेलता
अच्छी बातें तो सब पसंद करते हैं
पर मेरे बासी शेरों पर वाह वाह कौन करता
फेसबुक न होता तो क्या होता....
अकेले पन में साथ कौन होता
भूख लगी, नींद नहीं, चाय पीनी है
ये फ़ालतू status कोई कैसे डालता
दुसरे की महिला मित्रों के चित्र like कौन करता
फेसबुक न होता तो क्या होता....
हीरा तो खुद चमक लेता है मगर
झंडू जैसी सूरतों को gorgeous कौन कहता
सुख में तो सब साथी होते किन्तु
दुःख बांटने वाला साथी कौन होता
फेसबुक न होता तो क्या होता....
नेकी कर फेसबुक में डाल कहावत
चरितार्थ कोई कैसे करता
सिर्फ प्रस्ताव स्वीकृति सिद्धांत पर
दोस्ती के मापदंड कौन तय करता
फेसबुक न होता तो क्या होता......
जिनमे दम और व्यक्तित्व है
वो तो बुक्स में फेस छपवा लेते
पर जो अक्ल से श्री शर्मा की तरह पैदल हैं
बेचारे उनका अपना क्या होता
प्रभु, ये फेसबुक न होता तो क्या होता......:):)