तुमसे पहली मुलाकात
फिर उसके बाद
बार बार मिलना
सुबह, शाम, दोपहर
जब जी चाहे सम्मुख होना।
आहिस्ता-आहिस्ता
मोहब्बत हो गई मुझे
हर उस जगह से
जहां तेरे कदम पड़ते थे
मेरे साथ साथ।
उन हवाहों से
उन खुशबुओं से
उस मौसम से
उस आसमान से
जो हमने महसूस किया था
साथ साथ।
यहाँ तक कि अब तो
वो हर घडी भी
धड़कने बढ़ाती हैं
जिस क्षण
तुम मेरे सम्मुख होती थी।
मिलने की वो उत्सुकता
वो पागलपन
कि तुम
जब बुलाता,
चली आती थी
और मैं करने लगता
इंतज़ार और इंतज़ार।
अब, जब तुम जा रही हो
तो मैं तुझे खोने का दर्द
न सह सकता हूँ
न किसी से कह सकता हूँ।
तुम समझो मेरी पीर
तुम्हे रोम रोम में बसाया है
मेरी हर साँस,
तुमसे ही ज़िंदा है।
प्रेयसी!
ये दर्द मैं
किसी को बयां नहीं कर सकता
दूसरों को कहूँगा तो
खिल्ली उड़ायेंगे लोग,
मेरी मोहब्बत की
तुझसे कहूँगा तो तू,
अहंकारी हो जाएगी!!!
फिर उसके बाद
बार बार मिलना
सुबह, शाम, दोपहर
जब जी चाहे सम्मुख होना।
आहिस्ता-आहिस्ता
मोहब्बत हो गई मुझे
हर उस जगह से
जहां तेरे कदम पड़ते थे
मेरे साथ साथ।
उन हवाहों से
उन खुशबुओं से
उस मौसम से
उस आसमान से
जो हमने महसूस किया था
साथ साथ।
यहाँ तक कि अब तो
वो हर घडी भी
धड़कने बढ़ाती हैं
जिस क्षण
तुम मेरे सम्मुख होती थी।
मिलने की वो उत्सुकता
वो पागलपन
कि तुम
जब बुलाता,
चली आती थी
और मैं करने लगता
इंतज़ार और इंतज़ार।
अब, जब तुम जा रही हो
तो मैं तुझे खोने का दर्द
न सह सकता हूँ
न किसी से कह सकता हूँ।
तुम समझो मेरी पीर
तुम्हे रोम रोम में बसाया है
मेरी हर साँस,
तुमसे ही ज़िंदा है।
प्रेयसी!
ये दर्द मैं
किसी को बयां नहीं कर सकता
दूसरों को कहूँगा तो
खिल्ली उड़ायेंगे लोग,
मेरी मोहब्बत की
तुझसे कहूँगा तो तू,
अहंकारी हो जाएगी!!!
गहरे भाव..
ReplyDeleteमन की मन ने सोच बिसारी,
किस मुख गायें कथा हमारी।
:O
ReplyDeleteतुझसे कहूँगा तो तू,
ReplyDeleteअहंकारी हो जाएगी!!!par kahna to padega hi.
Good one :)
ReplyDeletesome very delicate n soft emotions at work here !!