अभी कल ही एक शेर सुनने को मिला.."सोचता हूं देखकर दुनियां के रंज-ओ- गम, या खुदा क्या जरुरत थी तुझे दुनिया बनाने की"...... कहने वाले ने एकदम सटीक बात कही है. जब इश्वर सर्वशक्तिमान है, उसे ब्रह्माण्ड की कोई चीज़ अप्राप्य नहीं है, उसे कोई दुःख नहीं है कोई सुख नहीं है, फिर ऐसी क्या नौबत आ गई कि ऊपर वाले ने दुनिया बना डाली??
इसके पीछे एक कारण नज़र आता है हो सकता है आप में से बहुमत इससे सहमत ना हो. मेरा ऐसा मानना है कि करोडो वर्ष पहले भगवन ने कुछ काम करना शुरू किया होगा. काम करते करते वो बोर हो गए होंगे. फिर उन्होंने सोचा होगा यार नौकरी अच्छी नहीं है. कमबख्त लाइफ का एडवेंचर ही खत्म हो गया. कुछ यूनीक करते हैं. फिर उन्होंने सुझाऊ आमंत्रित किये होंगे और किसी ने सलाह दी होगी कि यार भगवान् आप एक काम करो, एक दुनिया बनालो. फिर उसमे अलग अलग तरह के बहुत सारे जीव जंतु बना लेना और ज्यादा एडवेंचर चाहिए तो इंसान नाम का जीव बनाना. आपका टाइम अच्छे से पास हो जाएगा. तो भगवन ने पृथ्वी बनाई जो एक कंप्यूटर सॉफ्टवेर कि तरह है. निर्धारित तरह का कोड (गतिविधि) देने में निर्धारित प्रोग्राम काम करेगा..आदि आदि. फिर एक्सपेरिमेंट करते करते भगवन ने पृथ्वी को एक सॉफ्टवेर गेम की तरह अपग्रेड कर दिया. अब वह रोज इससे गेम खेलता रहता है और नौकरी बड़े रोमांच के साथ करता है. अब इस दुनिया के प्रति विद्वानों के अलग अलग मत रहे हैं. किसी ने इसको रंगमंच बताया तो किसी ने कागज़ की पुडिया....पर कुछ भी कहो ये दुनिया है बड़ी मजेदार चीज़.
हो सकता है बहुत सारे विद्वानों ने ब्लॉग भी इस उद्देश्य से बनाये हों. पर हाँ, निस्संदेह! ब्लॉग बनाने के बाद लाइफ का रोमांच थोडा बढ़ गया है. (आपकी मुस्कराहट से लगता है आप इस बात से सहमत हैं).......
अब आप ही बताइए, भगवान ने दुनिया बनाके कोई गलती की है क्या?????????
दुनिया बनाने वाले क्या तेरे दिल में समाई
ReplyDeleteतुने काहे को दुनिया बनाई ....????????
जी नहीं...भगवान ने इंटरनेट बना कर गलती की.
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